ओ मां!!!
तुम हर पल महकती हो मुझमें इत्र की तरह
बहती हो निरन्तर, मेरी रग-रग में रक्त की तरह।
तुम्हारी बातें निकाल देती हैं मेरे जीवन के काटें
तुम्हारा स्नेह अनवरत मुझे,नित नई खुशियाँ बाँटे
तुम्हारे आशिर्वाद से भींगा, मेरा ये तन-मन है।
ओ मां!!! तुझसे ही तो मिला मुझे ये जीवन है।
- Rajlakshmi Nandini G